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मझधार में है नैया

मजधार में है नैया, और वह भी पुरानी है !
है तुम पर जगदंबा, उसे पार लगानी है !
अब भूल भी जाओ मां ,छोटी सी खता मेरी !
दम घुटने को आया ,अब तो न करो देरी - 2
पत्थर ना बनाओ मां ,दिल तो तेरा पानी है !
है तुम पर जगदंबा............
ना जानू मैं पूजा, ना मन भी पावन है! बस तुम पर चढ़ाने को ,आंखों का सावन है -2
एक फूल है मुरझाया ,जो दिल की निशानी है ! है तुम ........
तुम साथ नहीं हो तो ,यह जग ठुकराते है !
रस्ते में पड़ा पत्थर , जिओ ठोकर खाता है - 2
ना झूठ है यह कोई , ना कोई कहानी है ! है तुम .......
संसार के सागर में, मां देखकर डो लोगी !
दुख इतना है जीवन में ,तुम देख कर बोलोगी -2
आ लाल तेरी सूरत आंचल में छुपानी है ! है तुम. ... ....

श्रेणी:

देवी भजन

स्वर:

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