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देदो अपनी पुजारन को वरदान माँ के जब तक जियु मैं सुहागन जियु,

Dedo apni pujaran ko vardan maa

देदो अपनी पुजारन को वरदान माँ के जब तक जियु मैं सुहागन जियु,
मुझसे हो न जुदा मेरा भगवान माँ के जब तक जियु मैं सुहागन जियु,
देदो अपनी पुजारन को वरदान माँ...

मांग सिंधुर से भरी ही रहे मैं दिन रात तुमसे येही मांगती,
साया सिर पे रहे सरताज का और इसके सिवा कुछ नहीं मांगती,
इस दिल में है बस यही अरमान माँ,
के जब तक जियु मैं सुहागन जियु,
देदो अपनी पुजारन को वरदान माँ

कोई मंदिर सजे ना बिना मूर्ति,
बिन खेवइयाँ के नाइयाँ है किस काम की,
इस बगियाँ का माली सलामत रहे माला जप्ती रहु गई तेरे नाम की,
दया मुझे पे ये करना दयावान माँ,
Bhajan potli
के जब तक जियु मैं सुहागन जियु,
देदो अपनी पुजारन को वरदान माँ

मेरे जीवन का मालिक है जो देवता उम्र मेरी भी उनको लगा देना माँ,
उनकी सांसो में सांसे घुलती रहे मुझको दिल से तू येही दुआ देना माँ,
तेरा होगा बड़ा ही ये एहसान माँ
के जब तक जियु मैं सुहागन जियु,
देदो अपनी पुजारन को वरदान माँ
#Suhagbhajan #KarwaChauthspecial

श्रेणी:

देवी भजन

स्वर:

Sapna Tuli ji

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