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तेरी उदारता का मां पार है नहीं

तेरी उदारता का माँ पार है नहीं
कौन है जिससे मां तुमको प्यार नहीं

भूलों पर भूल करते नहीं हम कबूल करते
तुम हो क्षमा कि सागर चित पे न अपने धरती
करुणामयी नजर में तेरी दुलार कम नहीं
तेरी उदारता का मां पार है नहीं

रहती हो तुम कहां पर रहती नजर है हम पर
वरदानी हाथ तेरे रहते हमारे सर पर
रहती सदा हो साथ में फिर साकार क्यों नहीं
तेरी उदारता का माँ पार है नहीं

श्रेणी:

देवी भजन

स्वर:

प्रतिभा भारद्वाज जी

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