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शिवरात्रि भजन

Shivratri Bhajan

काली का रूप तूने ले लियो रे शंकर की दुल्हनिया
काशी का टिकट कटा दे मेरे भोले, बैठ रेल में आऊ रे मेरे भोले भंडारी
मेरी छोटी सी गौरा बनेगी दुल्हनिया
काशी का टिकट कटा दे मेरे भोले, बैठ रेल में आऊ रे मेरे भोले भंडारी
तेरा जादू ना चलेगा मेरे भोले मत काट मेरी गलियों के फेरे
लेके गौरा जी को साथ भोले-भाले भोले नाथ, काशी नगरी से आए हैं शिव शंकर।
वाह वाह तेरे रंग पोलया
दूल्हा दूल्हा बन गए भोला भंडारी
बम भोले बम भोले बम बम बम
भोला भाला वेखया, डमरू वाला वेखया
व्याह अज शंकर दा,
बोली बोली रे कोयलिया हर हर महादेव
मेरे भोले बाबा ने बयाह रचाया
बिगड़ी किस्मत को बनाता भोला भंडारी मेरा
बजिया नगाड़ा पता लगिया जहान नू शिव शंभू आए आज गौरा ने व्याह नू
नी जटावा सोणिया जटा विच नाग डोले
मेनू चढ़ गई भोले जी की भांग आज मेनू नच लेने दे
फूलों और कलियों में बहार आ गई,देख गौरा तेरी बारात आ गई
आई भोले दी बरात गिद्धा पाओ सखियो नाले नचो ते सबनू नचाओ सखियो
अजब अनोखा कर के श्रृंगार, हो कर नंदी पर वो सवार, गौरा को ब्याहने आए हैं भोलेनाथ जी।
मेरे शिव जी दे दरबार सदा खुशियां ही खुशियां
बड़ी मौज लुटी,भोले संग ब्याही आई।
असा नई गौरा  टोरनी  तू लै जा  जंज  मोड के
डम डम डमरू  ते  बजदो ऐ ताल शिवा  दी  बरात  चढी  वाजेया दे नाल
असा भोले दे वयाह विच नचना  पैरा  विच  घुघरू  पाके
नजरा ना लग जान तेरे मेरे प्यार नू गौरा नाल अज तेरा व्याह भोलया
वन विच डमरू खड़के गौरा ने आवाजां मारियां
सोने दा त्रिशूल कमंडल पित्तल दा
मेरे भोलया पा मंदरा वल फेरा,गौरा कहन लगी
आ गया डमरूवाला लो आ गया डमरूवाला
मैं की-२ सिफता दसा शिव शंकर दे दरबार दिया
सुन नी वे गौरा तेरा लारा बुडडा होणा
आ गौरा तैनु जंज दिखावा, देख महल ते चढ़के
पाके गोरेया हथा दे विच छल्ले नी गौरा चली सोरेया नू
गोरां कुड़िए पार्वती मैं तेरे नाल लामा लेनिया
पार्वती के, चंचल मन को, हर गए भोले बाबा जी,
आई है शिवरात्री खुशियाँ बड़ी अपार
काज सवारे है तुमने भक्तों के,रखवाले,मतवाले, ओ मेरे भोले शंकर,
भोले बाबा कमाल कर बैठे वो तो गौरा से प्यार कर बैठे
नी मैं भोले संग जाणां नी चाहे लोग बोलियाँ बोले
गोकुल में आये त्रिपुरारी,बने है भोला सुंदर नारी
भगता ने पीती तुपका तुपका भोले ने पीती बाटे नाल
बैंड  नहीं  बाजा  घोडी  सजाई  है
भोले की बारात चली गज वज के सारयां ने भंग पीती रज-रज के
हो जाओ भोले बाबा तुम तैयार गोरा खड़ी लेकर फूलों का हार
अज पंग नू रगडा लादे नी गौरा
प्यारी सी गौरा को, मोह लियो रे, डमरू वाले बाबा
मेरे भोलया पा मंदरा वल फेरा,गौरा कहन लगी
गौरा केहंदी, केहंदी मैं नचना शंकर दे नाल
नी मैं भोले संग जाणां नी चाहे लोग बोलियाँ बोले
शिव तो सन्यासी है, गौरा तुम सुकुमारी हो
उडे जब-जब गौरा जी की चुनरी,कि भोले जी का दिल मचले
अज पंग नू रगडा लादे नी गौरा
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