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Bhajan Potli
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राणीसती दादी भजन
Rani Sati dadi Bhajan
रानी सती आज मेरे घर आई, घर आई माँ घर आई,
मैया आओ तो सरी दादी आओ तो सरी। टाबरिया बुलावे इतनी
ल्याया थारी चुनरी , करियो माँ स्वीकार,
तनधन बाबो सेठ म्हारी नारायणी सेठाणी है-२, यो तो झुंझणुं की महाराणी है!
दादी झुंझुनू में बैठी बैठी याद करे मेरा बेटा पोता आसी घणो लाड़ करे
रानी सती दादी आज मेरे घर आई घर आई माँ घर आई,
डोली चढ़ के दादीजी ससुराल चली,डोली चढ़ के।
भादौ का प्यारा मेला ये आया है, हम सारे बच्चों को दादी ने बुलाया है
बांटो बांटो आज बधाई झुंझुनू वाली घर में आई
तनधन बाबो सेठ म्हारी नारायणी सेठानी है
तनधन बाबो सेठ म्हारी नारायणी सेठानी है
सिधारों करवाले दादी आयो तिजा रो त्यौहार सिधारों करवा ले
किसने रचाई मेहंदी हाथों में तेरा किसने किया सिंगार दरबार प्यारा लागे रे
सती मां द्वार खुलवाओ तेरी पूजा को आया हूं
दादी दादी बोल दादी सुण ले सी सुण ले सी दादी सुण ले सी
माई थारी ज्योत सवाई ए
दादी दादी बोल दादी सुण ले सी सुण ले सी दादी सुण ले सी
माई थारी ज्योत सव ाई ए
किसने रचाई मेहंदी हाथों में किसने किया सिंगार दरबार प्यारा लागे रे
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