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राखी गीत

Rakhi bhajan

राखी तुमको बांधने आई हे प्रभु दीनदयाल
सबसे पावन सबसे प्यारा राखी का त्योहार
कृष्ण कन्हाई या आज तुम्हारे हाथ मे राखी बाधूगी
आके मेरे वीर तू बंधा लै रखडी
आसमान में काले काले बादल छाए हैं भैया मेरे राखी बंधवाने आए हैं
कच्चे धागों का यह रिश्ता बंध जाता है बचपन से
राखी तुमको बांधने आई हे प्रभु दीनदयाल
भाई बहन का त्यौहार राखी
कहते हैं राखी के ये धागे, लेके चुंबन तेरी कलाई का
रक्षाबंधन त्यौहार बहनों खुशियों का
रक्षाबंधन त्यौहार बहनों खुशियों का
भईया इस रेशम की डोर में मै प्यार बाॅध कर लाई
भैया मेरे, राखी के बंधन को निभाना
मेरे भैया मेरे चंदा मेरे अनमोल रतन
ओ वीर मेरे तेरा प्यार रहे तेरी लाडली बन-बन जीती रहूँ
मेरी राखी में बसा मेरा प्यार ओ मेरे भाई
कच्चे धागो का बंधन, ना समझो इसे, प्यारी बहना का इसमें, मिला प्यार है,
रक्षाबंधन है आया करुणा हंसत बड़ा दो प्रभु राखी श्रद्धा की में लाया
मेरी राखी की डोर कभी हो ना कमजोर
सरकी सरकी सर से सरकी, आस लगी मोहे बस गिरधर की
भईया भी तू है मेरा बाबुल भी तू है दोनो रिश्तो की लाज निभाना
मेरी बिगडी बना दे तकदीर माॅ देदे रखडी बनन नू वीर माॅ
रंग बिरंगी राखी लेकर आई बहना
बंधा हुआ एक एक धागे में भाई बहन का प्यार
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