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बधाई भजन

Badhai Bhajan

नगर नगर से नर और नारी देने आये वधाई यशोदा घर जन्मे कृष्ण कन्हाई
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में, आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
नगर नगर से नर और नारी देने आये वधाई यशोदा घर जन्मे कृष्ण कन्हाई
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में, आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
चढ़या दिन हरियाला चढ़या भागा वाला
छोटा सा कन्हैया देखो यशोदा घर में डोले रे।
छम छम देखो ऐंना गोपियां ने लाई ऐ,
बधाई हो बधाई मैं तो ढोलक चिमटा लाई मैंने न्योता दिया भगवान को
आओ नाचे गायें हम, आज दिन खुशियों वाला आया,
साडे बेड़े खुशियां डा चन चढ़ेया भगता दे नाल साडा वेड़ा भरया
आज तो बधाई बाजे रंगमहल में
जिनू अपने शाम नाल प्यार अज ओ जरूर नचेगा
जदो खुशियाँ दा होवे माहौल के नचना जरूर चाहिदा
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