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Bhajan Potli
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तुलसी भजन
Tulsi Bhajan
शालिग्राम मेरो कालो ओ तुलसा मैया घुंघटा ना डालो
लाल जोडे मे कैसे शरमाई रे
मेरे अंगना में आए शालिग्राम
हरि हरि बगिया हरो भरो खेत हरो भरो री मेरो तुलसी को पेड़
नाचेगे आज सारी रात तुलसा मईया की शादी मे
तुलसा जी हमें भक्ति का प्याला पिला दो
झुक जइयो तनिक शालिग्राम, तुलसा मेरी छोटी है
मेरे अंगना में तुलसी का ब्याह सखियों पत्ते पत्ते पे मोहन का नाम सखियों
हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी वसी आंगन में,
ले लो तुलसी का नाम सवेरे उठ के
पूछ रही तुलसा बताओ गिरधारी
अंदर बैठे शाम वेडे मे बैठी तुलसा
आई आई है शुभ घड़ी आज, हम करें तुलसी विवाह।
तुलसा महारानी का नाम, सवेरे उठ ले लेना
आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो,
आँगन मे लगाई तुलसा मै पूजा करू तुलसी की
मेरे अंगना में तुलसी का ब्याह सखियों
अंदर बैठे हैं कन्हैया, बाहर बैठी तुलसा मैया
अंदर बैठे हैं कन्हैया, बाहर बैठी तुलसा मैया
तुलसी का पूजन पावन है जो घर-घर में लहराती है
तुलसी की पात्ती कहां से लाऊं रे श्याम तुलसी पे रीझे
तुलसा मईया लहराऐ बडी शान से मोहे पति मिलेहैं शालिगराम से
मेरा मन डोले मेरा तन डोले मोहे माला दिला ला तुलसी की
मेरी सूख गई तुलसा पाणी के बिना, पाणी के बिना, राधा रानी के बिना,
अंगना में तुलसी लगाऊंगी हरी दर्शन मैं पाऊंगी
तुलसा तेरी डाली पर श्याम बसते
बूटा तुलसी दा वे डे विच लाई रख दी बूटा तुलसी दा
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