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है बुद्धि के दाता सब वेदो के ज्ञाता

तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना
हे बुद्धि के दाता सब वेदों के ज्ञाता
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना

एकदंत दयावंत चार भुजा धारी
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी
मैया तुम्हें बुलावे
गोरा तुम्हें बुलावे कहकहे के लालना
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डू वन का भोग लगे संत करें सेवा
भोले बाबा तुम्हें झुलावे
शंकर बाबा तुम्हें झुलावे रेशम के पालना
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना

अंधन को आंख देवें कोभिन्न को काया
बाझन को पुत्र देत निर्धन को माया
भक्तों की विनती को
दीनों की विनती को गणपति जी सुनना
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना

श्रेणी:

गणेश भजन

स्वर:

विनय बंसल जी

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