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स्वर साज सजाते हो मां वीणा बजाते हो
Swar saj sajate Ho maa Veena bajate ho
स्वर साज सजाते हो मां वीणा बजाती हो, गीत संगीत की मां इक तुम ही दाती हो
तुम ब्रह्मा की वाणी हो तुम ही ब्राह्मणी हो, गायत्री सावित्री तुम विद्या रानी हो,
मां हंस वाहिनी हो तुम ज्ञान दायिनी हो, स्वर कंठ ताल की मां तुम वरदानी हो,
श्वेतांबर धारी हो पंकज पर वारी हो, शारदा
सरस्वती तुम ब्रह्मा की प्यारी हो,
स्वर सात बनाए मां रागों से सजाये मां, कोमल पंचम मध्यम और तीव्र बनाये मां,
सागर की लहरों में नदी और लहरों में, संगीत गूंजता है तेरा गांव और शहरों में,
तेरी कृपा हो जाए अज्ञानी को ज्ञान आए, तेरी ही कृपा से बच्चे भी लिख पाए,
स्वर साज सजाते हो मां वीणा बजाती हो गीत संगीत की मां एक तुम ही दाती हो
#bhajan potli
श्रेणी:
विविध भजन
स्वर:
संगीता कपूर
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