सीता पूछे राम से इतनी घोर परीक्षा भगवन, ली मेरी किस काम से
Sita puche ram se itni ghor pariksha bhagwan li meri kis kaam se
सीता पूछे राम से, सीता पूछे राम से
इतनी घोर परीक्षा भगवन, ली मेरी किस काम से ।
सीता पूछे राम से
एक धोबी के कहने पर, वन में मुझे पठाया
अग्नि परीक्षा ले ली फिर भी, क्यूं विश्वास ना आया
नारी अब क्या शिक्षा लेगी, मेरे इस अंजाम से ।
इतनी घोर परीक्षा भगवन, ली मेरी किस काम से
मैंने अपना धर्म निभाया, एक पतिव्रता नारी का
हृदय आपका हो गया, भगवन क्यूं संसारी का
आप हो अंतर्यामी भगवन, रह गए क्यूं अंजान से
इतनी घोर परीक्षा भगवन, ली मेरी किस काम से ।
राम राज्य आ गया, फिर भी मेरा बनवास न छूटेगा
लव कुश जैसा भाग्य, किसी बालक के ना रूठेगा
काट लिया है मैंने जीवन, राम तुम्हारे नाम से ।
इतनी घोर परीक्षा भगवन, ली मेरी किस काम से
ये मेरी अंतिम है परीक्षा, पूर्ण समर्पण है मेरा
गोद में ले लो धरती मुझको, अब ये जीवन है तेरा
#bhajanpotli
राम ने रोका फिर भी ना रुकी, सीता जीती राम से ।
इतनी घोर परीक्षा भगवन, ली मेरी किस काम से
सीता पूछे राम से, सीता पूछे राम से
इतनी घोर परीक्षा भगवन, ली मेरी किस काम से
#sitamatabhajan
श्रेणी:
सीता नवमी भजन
स्वर:
Sangeeta Aggarwal ji