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साईं ने जहां जहां भी ज्योत जलाई है
साई ने भी जहॉ-जहॉ ज्योत जगाई है
काली-काली रात में रोशनी सी छायी है
साई ने..........
अखियों को खोल जरा ज्ञान के उजाले में
रख विश्वास पुरा जग रखवाले में
साई रखवाला तेरा,साई ही सच्चाई है
साई धन ही तो असली कमाई है
साई ने ...........
बार-बार भटकेगा दुख बढ जाएगा
एक दर पकडेगा नशा चढ जाएगा
कितनी ही बार यही बात समझाई है
साई ने..........
साई अोर देख अपनी दुनिया सवार
ले कितना सस्ता सौदा है ये
प्यार दे के प्यार ले
जिसने भी सच्चे दिल से आस बन्धाई है
साई ने..........
भक्ति की बन्धनों को बॉध पक्की डोर से
आधियॉ चलेगी इस सफर में बडी जोर से
माना इन रास्तों में घोर कठिनाई है
लेकिन इन ठोकरों में बडी गहराई है
साई ने.........
श्रेणी:
साई भजन
स्वर:
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