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सजा दो घर को गुलशन सा अवध में राम आए हैं
Saja do ghar ko gulshan sa awadh mai ram aaye hai
सजा दो घर को गुलशन सा अवध में राम आए हैं
मेरे सरकार आए हैं
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
अवध में राम आए हैं
पखारो इनके चरणों को बहा कर प्रेम की गंगा
बिछा दो अपनी पलकों को
अवध में राम आए हैं
तेरी आहट से हैं वाकिफ
नहीं चेहरे की है दरकार
बिना देखे ही कह देंग े
लो आ गए हैं मेरे सरकार
दुआओं का हुआ है असर
अवध मे राम आए हैं
सजा दो घर---------
श्रेणी:
राम भजन
स्वर:
Pooja Taneja ji
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