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रोज-रोज कहना सानू चंगा नयो लगदा सच्ची मुच्यी श्यामा साडा दिल नहीं हो लगदा
Roj roj kahna sanu changa naiyo lagda
रोज-रोज कहना सानू चंगा नयो लगदा
सच्ची मुच्यी श्यामा साडा दिल नहीं हो लगदा
रोज सवेरे उठ बुहे वल वेणी आ
अज वी ना आए श्याम मन विच कैणीया
तेरे मे बगैर जग सूना सूना लगदा
सच्ची मुच्ची........ रोज रोज..........
आके ता वेखो मेरा हाल की होया ए
मैं नहीं रोई जग मैनू वेख रोपा ए
Bhajan potli
कोई ना मिलिया मेरे जखम टकदा
सच्ची मुची...... रोज-रोज......
एक वारी सोनयो कोलो लंग जायो जी
पुंछ लईयो हाल मेरा पावे ना बुलायोजी
रोग अवलडा ते दारु नईयो लगदा
सच्ची मुची ...... रोज-रोज......
#punjabibhajan
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
Sarika Bansal (Dimple)
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