top of page

रामायण चौपाई - मंगल भवन, अमंगल हारी

Ramayan Chopai - Mangle Bhawan amangle hari

रामायण चौपाई

मंगल भवन, अमंगल हारी,
द्रबहु सु दसरथ, अजिर बिहारी l
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll

हो, होइहै वही जो, राम रचि राखा,
को करे तर्क, बढ़ावे साखा l
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll

हो, धीरज धरम, मित्र अरु नारी,
आपद काल, परखिए चारी l
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll

हो, जेहिके जेहि पर, सत्य सनेहू,
सो तेहि मिलय न, कछु सन्देहू l
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll

हो, जाकी रही, भावना जैसी,
रघु मूरत, देखी तिन तैसी l
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll

हो, रघुकुल रीत, सदा चली आई,
प्राण जाए पर, वचन न जाई l
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll

हो, हरि अनन्त, हरि कथा अनन्ता,
कहहि सुनहि, बहुविधि सब संता l
राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll

श्रेणी:

राम भजन

स्वर:

Sarika Bansal (Dimple)

bottom of page