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राधा रानी कृपा कीजिए
ओ राधा रानी कृपा कीजिये आंचल में छुपा लीजिये
ओ राधा रानी कृपा.......
पलकों के सिंहासन पे,मैने तुमको बिठाया है
इस मन के अंदर ही, बरसाना बनाया है
आके इसमें रहा कीजिये अांचल में छुपा.....
ओ राधा रानी कृपा........
पहले भी व्यथ हुआ, कई बार मेरा जीवन
मैं तोड नही पाया, मोह माया के बन्धन
अब की बारी बचा लीजिये आंचल में छुपा.....
कोई पार कर्म राधे,मेरे सामने ना आये
जब-जब तेरा भजन करू,माया ये सताये ना
सच्ची भक्ति का वर दीजिये आंचल में छुपा......
राधा रानी कृपा...
हरी दासी तो पगली है,जगती है रातों में
तुम दिल पर मत लेना, पगली की बातों को
जो भी मन में हो वो कीजिये बरसाना बुला
लीजिये आंचल में छुपा........
ओ राघा रानी कृपा .........
श्रेणी:
राधा रानी भजन
स्वर:
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