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राखी तुमको बांधने आई हे प्रभु दीनदयाल

Rakhi tumko bandhne I he Prabhu dindayal

राखी तुमको बांधने आई हे प्रभु दीनदयाल, मेरे सिर पर सदा ही रखना अपनी कृपा का हाथ, मैं राखी लेकर आई सुनो मेरे कृष्ण कन्हाई

भक्ति के मोती पिरो के मैंने श्रद्धा की राखी सजाई, अरमानों की डोर से मैंने राखी है बनाई, अपने कर कमलों पे स्वामी राखी करो स्वीकार, मैं राखी लेकर आई सुनो मेरे

कृष्ण कन्हाई

हर युग में प्रभु तुमने दुखियों की लाज बचाई, सत्यलोक से आए जब भक्तों पर विपदा आई, जीवन डोरी सौंपने अपनी पास तेरे हूं आई, मैं राखी लेकर आई सुनो मेरी

कृष्ण कन्हाई

जैसे जुड़े हैं प्रभु जी आपस में राखी के धागे, वैसे ही रखना हमको अपने श्री चरणों में लगा के, प्रीत का बंधन सदियों पुराना देखो टूट न जाए, मैं राखी लेकर आई सुनो मेरे कृष्ण कन्हैया

राखी तुमको बांधने आई हे प्रभु दीनदयाल मेरे सिर पर सदा ही रखना अपनी कृपा का हाथ में राखी लेकर आई सुनो मेरे कृष्ण कन्हाई
#bhajan potli

श्रेणी:

राखी गीत

स्वर:

Sangeeta Kapur

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