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मेरे मन में बस गई रे सुरतियाँ गजानन की,
Mere mann mai bas gai re
मेरे मन में बस गई रे सुरतियाँ गजानन की,
मोटे-२नैना काले मन को लागे प्यारे,सीस मुकुट
कानों में कुण्डल गले में माला पहने,मेरी सुध हर
ले गई रे सुरतियाँ गजानन की
लम्बे सुड सुडाला बाबा नैनों विच समाया,दो नैनों
का जादू काला भक्तों के मन भाया,के जादू कर
गई रे सुरतियाँ गजानन की
शिव गौरा के लाल को देखन सारे देव पधारे,आज
गजानंद कलयुग में भक्तों के आये,मेरी आँखों में
Bhajan potli
बस गई रे सुरतियाँ गजानन की
देर करे ना गणपति बाबा दौडे-२ आये,मूसे पे चढे
गजानंद सब के कष्ट मिटाये,सब दुख हर ले गई रे
सुरतियाँ गजानन की
श्रेणी:
गणेश भजन
स्वर:
Sangeeta kapur ji
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