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मेरे घर के देवता मेरे भगवान है,

Mere ghar ke devta mere bhagwan hai

मेरे घर के देवता मेरे भगवान है,
मेरे भगवान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है,
मेरे घर के देवता मेरे भगवान हैं।।

तर्ज सौ साल पहले।

मैं रोज सुबह उठकर,
उन्ही का नाम सुमिरता हूँ,
पितरों के चरणों में,
सदा प्रणाम करता हूँ,
पितरों की पूजा में धरूँ नित ध्यान है,
धरूँ नित ध्यान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है,
मेरे घर के देवता मेरे भगवान हैं।।

उनको ही नमन करके,
सदा मैं घर से निकलता हूँ,
हर काम सफल होते,
तभी विश्वास मैं करता हूँ,
मेरे मन में उनका बड़ा सम्मान है,
बड़ा सम्मान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है,
मेरे घर के देवता मेरे भगवान हैं।।

मैं जो कुछ भी हूँ आज,
ये पितरों की ही कीरपा है,
कहता है रवि मुझको,
उन्होंने सदा संभाला है,
मेरे मुख में रहता है उनका गुणगान है,
उनका गुणगान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है,
#bhajanpotli
मेरे घर के देवता मेरे भगवान हैं।।

मेरे घर के देवता मेरे भगवान है,
मेरे भगवान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है,
मेरे घर के देवता मेरे भगवान हैं।।

श्रेणी:

पितर भजन

स्वर:

Sangeeta Aggarwal ji

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