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मेरी राखी की डोर कभी हो ना कमजोर
Meri rakhi ki dor kabhi ho na kamjor
मेरी राखी की डोर कभी हो ना कमजोर भईया
दे दो कलाई बहन आई है,कितना रिश्ता है
पावन महीना भी सावन भईया खा लो मिठाई
बहन लाई है मेरी राखी की डोर……..
नाता भाई-बहन जैसे घरती-गगन दोनों ऐसे खिले
सच में इक ही चमन,मेरा प्यारा सा भईया लेती हूँ
Bhajan potli
बलईयाँ दीप स्नेह की जलाने बहन आई है मेरी राखी
की डोर……..
तेरी लम्बी उमर फूल सा है डगर,लग ना जाये कभी
भी किसी की नजर,कहे खूशबु तिवारी अपने भईया
की प्यारी, रोली अक्षत सजाये बहन आई है मेरी
राखी की डोर………
श्रेणी:
राखी गीत
स्वर:
Sangeeta kapur ji