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माँगन चली रे सुहाग, गौरा रानी से

Magan chali re suhag gorpa rani se

माँगन चली रे सुहाग,
गौरा रानी से
माथे को माँगू मैं लाल लाल बिंदिया,
सिंदूर भरी रहे माँग,
गौरा रानी से,
माँगन चली है सुहाग,
गौरा रानी से।

कानों को माँगू में सोने के झुमके,
गले में हीरों का हार गौरा रानी से,
माँगन चली है सुहाग,
गौरा रानी से।

हाथों को माँगू में हरी हरी चूड़ियां,
मेहँदी रचे दोनों हाथ गौरा रानी से,
माँगन चली है सुहाग,
गौरा रानी से।

कमर को माँगू मैं सोने की तगड़ी,
गुच्छे हों रोणदेदार गौरा रानी से
माँगन चली है सुहाग,
गौरा रानी से।

पैरों को माँगू मैं बजनी सी पायल,
बिछिए हों रोणदेदार गौरा रानी से,
माँगन चली है सुहाग,
गौरा रानी से।

अंगों को माँगू मैं लाल लाल सारी,
चुनरी हो गोटेदार गौरा रानी से,
माँगन चली है सुहाग,
गौरा रानी से।

मायके को माँगू मैं भाई भतीजे,
भरा हुआ परिवार गौरा रानी से,
माँगन चली है सुहाग,
गौरा रानी से।

ससुराल को माँगू में धन और दौलत,
भरा पूरा परिवार गौरा रानी से,
#bhajanpotli
माँगन चली है सुहाग,
गौरा रानी से।

जुग जुग जीवे मेरा गोदी का ललना,
अमर रहे सुहाग गौरा रानी से,
माँगन चली है सुहाग,
गौरा रानी से।
#suhagbhajan #karwachouth

श्रेणी:

सुहाग गीत

स्वर:

Meenu Sethi ji

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