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मझधार में है नैया राहें अंजानी है,

Majdhar mai hai naiya rahe anjani hai

मझधार में है नैया राहें अंजानी है,
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया............

मैं बीच ववर में हु मिलता न किनारा है,
मेरी डूबती नैया का एक तू ही सहारा है,
मुझे आस किसी से नहीं,
मुझे आस बढानी है,
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया............

दुनिया ने बतलाया तुम मजी हो अच्छे,
जो सच्चा है उसके तुम साथी हो सच्चे,
क्यों देर लगते हो क्या नाव डुबानी है,
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया............

मुझ से जो चल पाती तुम को न भुलाते हम विश्वाश करो मेरा,
खुद पार लगाते हम बातो का वक़्त नहीं करुणा दिखलानी है,
Bhajan Potli
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया............

दीनो के दीना नाथ सब तुम को कहते है,
तेरे सेवक बेखौफ तेरे दम पर रहते है,
हर दम हम भक्तो की नाव जलानी है
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया............

श्रेणी:

खाटू श्याम भजन

स्वर:

Vineet kwatra ji

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