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भईया भी तू है मेरा बाबुल भी तू है दोनो रिश्तो की लाज निभाना
Bhaiya bhi tu hai mera
भईया भी तू है मेरा बाबुल भी तू है दोनो रिश्तो की लाज निभाना
घर से विदा करके दिल से तुम अपने मुझको कभी ना भुलाना
भईया भी तू है,,,,,,
सोने की थाली मे खिलाया हैतूने फूलो पे मुझको सुलाया
पैरो के नीचे मेरे कलियाॅ बिछाई सर पे रखा अपना साया
सारे जहाँ मे कहा तुझ सा मिलेगा
कोई भी अपना बेगाना
भईया भी तू है ,,,,,,,,
अंगना मे तेरे मैने बचपन से अब तक जी भर के की है मनमानी
थोडा सा बाकी तेरे घर मे बचा हैं
अब तो मेरा दाना-पानी
मै तेरी दुनियाॅ से जब दूर जाऊॅ
यादो के दीपक जलाना
भईया भी तू है मेरा बाबुल भी तू है
श्रेणी:
राखी गीत
स्वर:
Anita Sobti ji
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