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ब्रज मे होली कैसे खेलू रे सावरिया के संग
Brij mai holi kaise khalu re sawariya ke sang
ब्रज मे होली कैसे खेलू रे सावरिया के संग
सावरिया के संग सखीरी सावरिया के संग
ब्रज मे होली,,,,,
अबीर उडता गुलाल उडता उडते सातो रंग
भर पिचकारी संमुख मारी अखिया हो गई दंग
कोरे कोरे कलश मंगाऐ उसमे घोला रंग
भर पिचकारी संमुख मारी सखिया हो गई दंग
ढोलक बाजे सारंग बाजे और बाजे मृदग
शाम सुन्दर की बंसी बाजे राधा जी के संग
लंहगा तेरो घूम घूमेलो चोली हो गई तंग
सजन तुमहारो बडो निकमो चलो हमारे संग
1.ब्रज मे होली कैसे खेले रे सावरिया के संग
श्रेणी:
होली भजन
स्वर:
Anita sopti ji
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