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बिन पिए नशा चढ़ जाता है जब सूरत देखूं भोले की

ओ बिन पिए नशा चढ़ जाता है ओ बिन पिए नशा चढ़ जाता है जब सूरत देखूं भोले की।।
भोले की जटाओं में गंगा है
गंगा में डुबकी लगा जाऊं जब सूरत देखूं भोले की।
ओ बिन पिए नशा चढ़ जाता है जब सूरत देखूं भोले की
भोले के माथे पर चंदा है चंदा की चकोरी बन जाऊं जब सूरत देखूं भोले की
बिन पिए नशा चढ़ जाता है जब सूरत देखूं भोले की
भोले के हाथों में डमरू है
डमरू की तान पर मैं नाचू
जब सूरत देखूं भोले की
बिन पिए नशा चढ़ जाता है जब सूरत देखूं भोले की
भोले के संग में गोरा है
गोरा की सहेली बन जाऊं जब सूरत देखूं भोले की
बिन पिए नशा चढ़ जाता है जब सूरत देखूं भोले की
भोले के चरणों में भगत बैठे
इनकी सेवक मैं बन जाऊं जब सूरत देखूं भोले की।
बिन पिए नशा चढ़ जाता है जब सूरत देखु भोले की।
शंकर भगवान की जय।।

श्रेणी:

शिव जी भजन

स्वर:

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