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प्रयाग नगरी बसे संगम के तीरे जहां गंगा मैया जहां यमुना मैया, जहां गंगा यमुना और सरस्वती मैया त्रिवेणी की धार बहे धीरे-धीरे,
Prayag nagari base sangam ke teere Jahan ganga maiya yahan yamuna maiya
महाकुम्भ स्नान स्पेशल
प्रयाग नगरी बसे संगम के तीरे
जहां गंगा मैया जहां यमुना मैया,
जहां गंगा यमुना और सरस्वती मैया
त्रिवेणी की धार बहे धीरे-धीरे,
प्रयाग नगरी बसे...
तीरथ राज के धाम जहां है
कण कण हरि के नाम यहां है
यहां पाप मिटे, यहां पुण्य मिले
यहाँ पावन हो प्राणी तरे धीरे-धीरे,
प्रयाग नगरी बसे...
तीनों लोक से न्यारी नगरिया
राजा इंद्र की प्यारी नगरिया
यहां विष्णु भगवन यहां भोले भगवन,
और लगे मेला त्रिवेणी तीरे,
प्रयाग नगरी बसे...
@bhajan potli
धन्य प्राणी जो कुंभ नहाते
भव सागर से वो तर जाते,
मोक्ष उनको मिले पुनर्जन्म टले,
जीवन राम सिया सा बने धीरे धीरे,
प्रयाग नगरी...
श्रेणी:
विविध भजन
स्वर:
Sangeeta Aggarwalji
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