top of page

नैनन में श्याम समाए गयो मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो

Nainan mai shyam samaye gayo mohe prem ka rog lagaye gayo

नैनन में श्याम समाए गयो मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो

नैनन में श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ।

लुट जाउंगी श्याम तेरी लटकन पे,
बिक जाउंगी लाल तेरी मटकन पे ।
मोरे कैल गरारे भाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ॥

मर जाउंगी काहन तेरी अधरन पे,
मिल जाउंगी तेरे नैनन पे ।
वो तो तिर्शी नज़र चलाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ॥

बलिहारी कुंवर तेरी अलकन पे,
तेरी बेसर की मोती छलकन पे ।
#bhajanpotli
सपने में कहा पत्राए गायो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ॥

पागल को प्यारो वो नंदलाला,
दीवाना भाए है जाके सब ग्वाला ।
वो तो मधुर मधुर मुस्काये गायो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ॥

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Brijwasi Dewakar Sharmaji

bottom of page