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नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो
Nagri ho Ayodhya si raghukul sa gharana ho
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
लक्ष्मण सा भाई हो,कौशल्या माई हो
स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो
नगरी.......
हो त्याग भरत जैसा,सीता सी नारी हो
लव कुश के जैसी सन्तान हमारी हो
नगरी........
श्रद्धा हो श्रवण जैसी,शबरी सी भक्ति हो
हनुमान के जैसे निष्ठा और शक्ती हो
नगरी.......
श्रेणी:
राम भजन
स्वर:
Shubi Ajmani
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