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दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नही देते, बिहारी जी मुझे वृन्दावन, बुला क्यूँ नही लेते,

Dard mere dil ka mita kyu nahi dete

दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नही देते,
बिहारी जी मुझे वृन्दावन,
बुला क्यूँ नही लेते,
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नहीं देते,
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नही देते।।


तुम्हे ही ढूंढती रहती है नज़रे मेरी,
बिन तेरे कुछ भी नहीं,
प्यारे जिंदगी मेरी,
आ के इक बार ही सीने से,
लगा क्यों नही लेते,
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नहीं देते,
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नही देते।।


सुना है पापी भी तर जाते है,
तेरे दर आके,
मैं आ गया हूँ ज़माने की,
ठोकरे खाके,
अपनी चौखट का मुझे पत्थर,
बना क्यों नही लेते,
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नहीं देते,
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नही देते।।

मैं थक गया हूँ ज़माने के,
ताने बुन बुन कर,
हो गया बावरा तेरे दर का,
बस तेरा बनकर,
इस जगत जाल से मुझको भी,
बचा क्यों नही लेते,
#bhajanpotli
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नहीं देते,
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नही देते।।


दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नही देते,
बिहारी जी मुझे वृन्दावन,
बुला क्यूँ नही लेते,
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नहीं देते,
दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूँ नही देते।

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Musical दिवाकर

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