थाम लो मैं बिखर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा।।
Thamlo mai bikhar jauga mai bikhar ke kidhar jauga
थाम लो मैं बिखर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा।।
मुझको कोई शिकायत नही, तेरे बिन मुझको राहत नही, इश्क़ की हद गुजर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा, थामलों मैं बिखर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा।।
लागी तुमको पाने की लगन, रहूं हर पल तुम्ही में मगन, तुम जहाँ हो उधर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा, थामलों मैं बिखर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा।।
तुम हो ' चित्र विचित्र' के सजन, सूना सूना है तुम बिन जीवन, तुमको पाके संवर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा, थामलों मैं बिखर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा।।
मुझको ऐसे ना यूँ छोड़िए, मुख अपना ना यूँ मोड़िए, ना मिले तो मैं मर जाऊंगा,
#bhajanpotli
मैं बिखर के किधर जाऊंगा, थामलों मैं बिखर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा।।
थाम लो मैं बिखर जाऊंगा, मैं बिखर के किधर जाऊंगा।
श्रेणी:
कृष्ण भजन
स्वर:
Brijwasi Dewakar Sharmaji