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तेरी कृपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे

तेरी कृपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे,
मुझे नहीं चाहिए अब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे।

गैरों की बात करें क्या,हमें अपनो ने ठुकराया,
बन गया नाथ तू मेरा ,तूने पल- पल साथ निभाया।
तेरा साथ ही,ओ तेरा साथ ही, तेरा साथ ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे,
मुझे नहीं चाहिए अब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे।

मैया बन करके तूने, मुझे गोद में ले गुलराया,
बन गया पिता तू मेरा, तूने हर दम साथ निभाया।
तेरा प्यार ही, ओ तेरा प्यार ही, तेरा प्यार ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे,
मुझे नहीं चाहिए अब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे।

इतनी किरपा की तूने, ये मुख से कहा ना जाए,
जब-जब मैं याद करूं तो,मेरा हृदय भर-भर जाए।
ये दास कहे,ये दास कहे,ये दास कहे क्या अब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे,
मुझे नहीं चाहिए अब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे।

मैं किसी से क्या कुछ मांगू,बिन मांगे ही सब पाऊँ,
जब द्वार मिला मुझे तेरा, फिर किसी के दर क्यों जाऊँ।
तेरा द्वार ही,ओ तेरा द्वार ही,तेरा द्वार ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे,
मुझे नहीं चाहिए अब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे।
तेरी कृपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरू प्यारे।

श्रेणी:

गुरुदेव भजन

स्वर:

आराधना शर्मा जी

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