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जो खेल गये प्राणो पे श्रीराम के लिए

Jo khal gaye prano pe shri ram ke liye

जो खेल गये प्राणो पे श्रीराम के लिए
इक बार तो हाथ उठाओ मेरे हनुमान के लिए

सागर को लांध के इसने सीता का पता लगाया
प्रभु राम नाम का डंका लंका मे बजाकर गाया
माता अंजनी की ऐसी संतान के लिए

लक्ष्मण को बचाने की जब सारी आशाये टूटी
ये पवन वेग मे जाकर लाये संजीवनी बूटी
पर्वत को उठाने वाले बलवान के लिए
इक बार तो हाथ उठाओ

विभीषण ने जब इसकी भकि पर प्रश्न उठाया
तो चीर के छाती इसने श्रीराम का दरश कराया
इस परम भक्त हनुमान के सम्मान के लिए
इक बार तो हाथ उठाओ मेरे हनुमान के लिए
जो खेल गये प्राणो पे

श्रेणी:

हनुमान भजन

स्वर:

Anita sobti ji

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