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जी चाहे बार-२ तुम्हें देखती रहूँ एे हुस्न के सरकार तुम्हें देखती रहूँ
Jee chahe baar baar tumhe dekhti rahu
जी चाहे बार-२ तुम्हें देखती रहूँ एे हुस्न के
सरकार तुम्हें देखती रहूँ जी चाहे.........
आँखो के रास्ते तुम्हें दिल में उतार के,हर पल
ए बाकें यार तुम्हें देखती रहूँ ऐ हुस्न.......
युग-२ से प्यासी रूह को दीदार हो तेरा, अब हो
ना इन्तज़ार तुम्हें देखती रहूँ ऐ हुस्न.......
नैनों से नैन जो मिले आगोश हो तेरा, जी भर के
करूँ प्यार तुम्हें देखता रहूँ ऐ हुस्न........
दिल की लगी है दासी की कोई दिल्लगी नहीं,
तुझ पर दू जान वार तुम्हें देखता रहूँ ऐ हुस्न......
जी चाहे बार-२ तुम्हें देखती रहूँ ए हुस्न के
सरकार तुम्हें देखती रहूँ जी चाहे.......
श्रेणी:
देवी भजन
स्वर:
Sangeeta Kapur ji
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