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जिस घर में सुख चैन बसे
Jis ghar me sukh chain base
जिस घर में सुख चैन बसे, पितर बसेगे वहां|
जहां रोज कलह होती हो,नहीं पितर रहेंगे वहां||
सुबह सवेरे घर आंगन में, जहां सफाई रहती हो|
पूजा अर्चन धूप पुष्प की,मीठी खुशबू बहती हो|
जहां हर प्राणी का हो आदर,खुद पितर आयेंगे वहां||
जिस घर का हर एक प्राणी,एक दूजे की फिक्र करें|
घर की अच्छी बुरी बात का,नहीं किसी से जिक्र करें|
जहां प्रेम के रिश्ते जुड़े हो, खुद पितर जुड़ेंगे वहां||
जिस घर में मिल बांट के खाना, रास सभी को आता है|
कहे रवि कोई दुःख पाये तो,सबका जी घबराता है|
जहां सब मिलजुल रहते हो, खुद पितर मिलेंगे वहां||
श्रेणी:
पितर भजन
स्वर:
लीला तोषनीवाल
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