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जिनको है बेटियां वो ये कहते हैं
Jinko hain betiyan wo ye kehte hain
जिनको है बेटियाँ,
वो ये कहते है,
परियो के देश में,
वो तो रहते है,
घर को जन्नत का,
नाम देते है,
जिनकों हैं बेटियाँ,
वो ये कहते है।।
हँसती है जब बेटियाँ तो,
मोती झरते है,
चलती है लहरा के,
तो फूल खिलते है,
पलकें उठाती तो,
उजाले होते है,
परियो के देश में,
वो तो रहते है,
घर को जन्नत,
का नाम देते है,
जिनकों हैं बेटियाँ,
वो ये कहते है
लाखों मन्नत में होती है,
एक बेटी कबूल,
बेटी तुलसी आँगन की,
ये नहीं बबुल,
इनके कुमकुम कदम,
शुभ फल देते है,
परियो के देश में,
वो तो रहते है,
घर को जन्नत,
का नाम देते है,
जिनकों हैं बेटियाँ,
वो ये कहते है।।
बेटियों से होते है,
दो आँगन खुशहाल,
मात पिता की शोभा,
ससुराल का श्रृंगार,
‘प्रदीप’ नसीब वाले,
बेटी पाते है,
‘पारेख’ नसीब वाले,
बेटी पाते है,
घर को जन्नत,
का नाम देते है,
जिनकों हैं बेटियाँ,
वो ये कहते है।।
श्रेणी:
विविध भजन
स्वर:
Bhawna Sharma
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