जग में रामायण सुखदाई, जो जन पढ़े पार हो जाई
jag main ramayana sukhdai
जग में रामायण सुखदाई, जो जन पढ़े पार हो जाई
बालकांड में जन्म लियो है नर लीला दिखलाई,
जनकपुरी में धनुष को तोड़ा, व्याहे चारों भाई, जग मे रामायण सुखदाई......
अयोध्या कांड में मात-पिता की आज्ञा शीश नवाई,
राज छोड़ बनवास को गए, राम लखन दोई भाई, जग मेंरामायण सुखदाई..
अरण्य काण्ड में सिया हरण भयो, पंचवटी में जाई,
ढूंढत फिरत सिया को बन में, राम लखन दोउ भाई, जग में रामायण सुखदाई.....
किष्किंधा कांड मे बाली मारा, हनुमत दास कहाए,
बारह वर्ष वर्षा ऋतु आई, सिया की खोज लगाई,
जग में रामायण सुखदाई....
सुंदरकांड में अक्षय को मारा, बाग उजाड़ गिराई,
जाके सिया की कुशल सुनाई, लंका में आगे लगाई, जग में रामायण सुखदाई.....
लंका काण्ड में सेतु को बांधा, सेना पार लगाई,
इतने बड़े घनघोर युद्ध में, जीते श्री रघुराई, जग में रामायण सुखदाई........
उत्तरकांड में राजतिलक भयो, अवध नगर में आए,
सिया सहित सिंहासन बैठे, भरत ने चंवर डुलाई, जग में रामायण सुखदाई.....
#BhajanPotli
सात काण्ड रामायण पढ़े जो, पढ़े गुने चिल्लाई
भव सागर से पार उतर गये, रामचरण सुखदाई- जग में रामायण....
श्रेणी:
राम भजन
स्वर:
Sarika Bansal