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चमक रही रे मैया की चुनरिया चमक रही रे देखन को नजरिया तरस रही रे
Chamak rahi re maiya ki chunriya chamak rahi re
चमक रही रे मैया की चुनरिया चमक रही रे
देखन को नजरिया तरस रही रे
लाल चुनरिया पे गोटा किनारी
पैरो मे पायलिया खनक रहीरे
ओढ चुनरिया चले शेरा वाली
पैरो पे पायलिया खनक रही रे
कैसे लिखू तेरी चुनरी कीशोभा
#BhajanPotli
भक्तो की अगुलिया फडक रही है
भक्तो के हाथो मे जबछैना बाजे
ऐसा लगे के चूडी खनन है
चमक रही रे,,,,,
श्रेणी:
नवरात्रि भजन
स्वर:
Anita Sobtiji
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