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चंदन के पलने में झूले रघुराई,देख-२ हरषाये कौशल्या माई

Chandan ke palne mai jhule raghurai

रामनवमी भजन

चंदन के पलने में झूले रघुराई,देख-२ हरषाये
कौशल्या माई चंदन के पलने.......

मुखडे पे तेज कोटि सूरय के समान है,देखी ना
कभी सुनी ऐसी मुस्कान है,इतनी पावन छवि
सब के मन भायी देख-२ हरषाये........

लेती माँ बलायें कभी नजर माँ उतारती,हीरे मोती
पन्ने अपने लाल पे वारती,कहती तुझ पे पडे ना
दुख की परछाई देख-२ हरषाये........

छम-२ पैजनियाँ बाजे राम जी के पाँव में,जगत
खवैया खेले ममता की छाँव मैं,संग है लक्ष्मण
भरत शत्रुधन सब भाई देख-२ हरषाये.........

श्रेणी:

राम भजन

स्वर:

Sangeeta kapur ji

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