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खुशियों से हर कोई नाचता है सब ने घर घर में दीपक जलाये,
Khushiyo se her koi nachta hai sabne ghar ghar mai deep jalaye
खुशियों से हर कोई नाचता है सब ने घर घर में दीपक जलाये,
काट वनवास चौदहा वर्ष का आज राम अयोध्या में आये,
खुशियों से हर कोई नाचता है सब ने घर घर में दीपक जलाये,
आज दुल्हन की तरह सजी है राम जी की अयोधया ये देखो,
आई है आज दिवाली चारों तरफ दीप जगमगाए
खुशियों से हर कोई नाचता है सब ने घर घर में दीपक जलाये,
राम जी जैसा कोई नहीं है जिसने मर्यादा हर इक निभाई,
रीत रघुकुल की सब जानते है,प्राण जाए वचन पर न जाए
खुशियों से हर कोई नाचता है सब ने घर घर में दीपक जलाये,
उनका हनुमान कल्याण करते राम जी का जो गुणगान करते,
शर्मा केशव हुए धन्य दोनों हर घडी राम का नाम ध्याए,
खुशियों से हर कोई नाचता है सब ने घर घर में दीपक जलाये,
श्रेणी:
दिवाली भजन
स्वर:
Sarika Bansal (Dimple)
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