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कान्हा ले गई जिया तेरी मुरली मधुर,

Kanha le gai jiya teri murli madhur

कान्हा ले गई जिया तेरी मुरली मधुर, कैसा जादू किया भूली मैं तो अपनी डगर, कान्हा ले गई जिया तेरी मुरली मधुर

पहले ये बाजे मधुबन में, अब तो ये बाजे वन वन में, कहां करु आली मेरी अब जाऊं किधर, कान्हा ले गई जिया तेरी

मुरली मधुर
@bhajan potli
माना ये मुरली प्यारी है, फिर भी ये सौत हमारी है, हम से ज्यादा प्रीत लगाई रहती अधर, कान्हा ले गई जिया तेरी

मुरली मधुर

जब से ये मुरली बजाई है, तब से नींद नहीं आई हैं, धुन सुन के हम सबके दिल में उठती लहर, कान्हा ले गई जिया तेरी मुरली मधुर

श्रेणी:

कृष्ण भजन

स्वर:

Sangeeta kapur ji

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