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कहते हैं राखी के ये धागे, लेके चुंबन तेरी कलाई का
Kahte h rakhi k ye dhage leke chuman teri kalai ka
कहते हैं राखी के ये धागे -2
लेके चुंबन तेरी कलाई का -2
युग युग से है रहेगा युगों तक-2
प्यार बहन और भाई का।
कहते हैं राखी के ये धागे -2
आज के दिन तो भैया की
बहना आरती उतारे
मंगल गीत की ज्योति में
चंदा सा मुखड़ा निहारे
लेके बलाएं देके दुआएं
करती है शगुन मिठाई का।
कहते हैं राखी के ये धागे
लेके चुंबन तेरी कलाई का
युग युग से है रहेगा युगों तक
प्यार बहन और भाई का
कहते हैं राखी के ये धागे।#bhajanotli
एक वट वृक्ष की छाया में
हम दोनों का जीवन पला है
जितनी घनी उसकी छाया है
वो बाबुल कितना भला है
मेरे भैया प्रगति में तेरी
नित जुड़े अंक दहाई का।
कहते हैं राखी के ये धागे
लेके चुंबन तेरी कलाई का
युग युग से है रहेगा युगों तक
प्यार बहन और भाई का
कहते हैं राखी के ये धागे।
श्रेणी:
राखी गीत
स्वर:
Sangeeta Aggarwalji
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