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कर दो क्षमा किशोरी अपराध मेरे सारे
Kar do shama kishori apradh mere saare
कर दो क्षमा किशोरी अपराध मेरे सारे,
बड़ी आस लेके अई दरबार में तुम्हारे,
तुम्ही किरपा से श्यामा चलती है सारी श्रृष्टि,
सदियों से रो रही हु ढालो दया की दर्स्ती
उधार और पतन है सब हाथ में तुम्हारे,
बड़ी आस लेके अई..............
सपने में भी था कुना श्री राधा नाम जपसे,
मैं भी सावरू जीवन गह वन में गोर ताप से,
मेरी भी झोपडी हो बरसने में तुम्हारे,
बड़ी आस लेके अई..............
रसिको के झुण्ड तो में मुझे छुपालो प्यारी,
चेतन की चाह नही जड़ ही बना लो राधे,
जीबा पर रख लिए है संसार के सहारे,
बड़ी आस लेके अई...........
श्रेणी:
राधा रानी भजन
स्वर:
संगीता वर्मा जी
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