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आ ही गए रघुनंदन सजवादो द्वार-द्वार

Aa hi gaye Raghunandan sajvado dwar dwar

आ ही गए रघुनंदन, सजवादो द्वार-द्वार, स्वर्ण कलश रखवादो, बंधवादों बंधन वार...

सजी नगरिया है सारी, नाचें गावे नर-नारी, खुशियाँ मनाओ, गाओ री मंगल चार, स्वर्ण कलश रखवादो, बंधवादों बंधन वार...

लड़ियों से मढ़ियों से फुलझड़ियों से, सजा राम दरबार, शोभा अजब बनी...

कंचन कलश विचित्र सँवारे, सब ही सजे घरे निज निज द्वारे, खुशियाँ मनाओ, गाओ री मंगल चार, स्वर्ण कलश रखवादो, बंधवादों बंधन वार...
#bhajan potli

श्रेणी:

राम भजन

स्वर:

Sangeeta kapur

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