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आई रे आई गौरल आई चैत महीना लागा हुई दीवानी सखियां साड़ी

Aayi re aayi Gaural aayi chaitra mahina laga Hui diwani sakhiyan sari

आयी रे आयी गौरल आयी
चेत महीना लागा
हुई दिवानी सखियां सारी
पूजा में मन लागा
गौरल आयी रे.........

मन्नत मांगी गवरल आगे हाथ जोड़कर ध्यावा
नित्य नियम से पूजा करके गवरल ने मनावा
इन हाथो में लगा के मेहंदी बांध शगुन का धागा
हुई दीवानी सखियां सारी पूजा में मन लागा
गौरल आयी रे..............

चांद की तरह चमक रही है गौरल की ये बिंदिया
माथे ऊपर बोर लगाया मोतियन की है लड़िया
चुनर ओढ़ी गौरल रानी ईसर जी ने पहना बाग़ा #bhajan potli
हुई दीवानी सखियां सारी पूजा में मन लागा
गवरल आयी रे...........

चांदी का तो थाल हाथ मे पूजा करने आई
सखी सहेली मिलकर के गवरल ने गीत सुनाई
अपने मन मे आस लगाके, बांध आस का धागा
हुई दीवानी सखियां सारी पूजा में मन लागा
गौरल आयी रे.........

आयी रे आयी गौरल आयी
चेत महीना लागा
हुई दिवानी सखियां सारी
पूजा में मन लागा
गौरल आयी रे.........

श्रेणी:

गणगौर गीत

स्वर:

Sangeeta Aggarwal

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